Monday, November 21, 2011

बॉस की सेक्रेटरी

बॉस की सेक्रेटरी ऑफिस में आई
सबके दिल में कुछ कुछ होने लगा
मेरा पागल दिल भी उससे ये कहने लगा
तुझे देख देख सोना
तुझे देख कर है उठना
वो बोली अबे चुप होजा
क्या तुझको है पिटना?
( जिस तरह बॉस की सेक्रेट्रिस की आदत होती है, अपने आशिक उर्फ़ कलिग से काम निकलवाने की
तो हुआ कुछ यूं...)

मैंने कहा डार्लिंग
कर लें कुछ गुफ्तगू
वो बोली मेरी हेल्प कर दो
तब तक सुस्ता लूं
खैर इश्क परवान चढ़ता गया
हम हो गए बेकार
याद आई नौकरी
जब पड़ी बॉस की मार
बॉस ने मुझे आप्शन दिया होकर मुझसे परेशान
बॉस ने पूछा; "लड़की या नौकरी?"
मै उलझ गया और बोला.....
सर! आप नहीं जानते "WHAT I फील"
बॉस बोला जल्दी बोल डाल या नो डील ??

मै Imotional हो गया
छोड़ दी मैंने नौकरी
प्यार में इतना पागल हो गया
चुन ली मैंने छौकरी
मै लड़की के पास गया तो पड़ा गाल पे चांटा
जब वो बॉस के कार में बैठकर बोली मुझको टाटा
मंजिल खोयी रास्ता खोया
जीते है मर मर के
क्या कहें वो हालत हो गयी
घाट के रहे न घर के

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