Wednesday, September 5, 2012

एक औरत की सफलता के पीछे एक बाई का हाथ होता है

आज मै बीमार हूँ, कमजोरी से लाचार हूँ


क्या करूं कुछ सूझता नहीं, मेरी परेशानी कोई बूझता नहीं



बॉस का फ़ोन, पति की किटकिट

फैला है घर में कूड़ा करकट

बर्तन मूह उठाये तकते है राहें

कब आकर उन्हें साफ़ करेंगी ये गोरी बाहें



Presentation की तैयारी या कुकिंग का विचार

Dinning टेबल पर पति देव कर राहें इंतज़ार



जैसे तैसे निकली घर से होकर मै तैयार

वहीं रास्ते में हो गयी puncture मेरी कार



ऑफिस पहुँचते ही जब मैंने बॉस की डांट खाई

सच कहूं उस समय मुझे तेरी बहुत याद आई



शाम को घर पहुंची, मै बड़ी थक हार

तभी श्रीमान जी ने पुछा..क्या है dinner का विचार???

आज का दिन बड़ा ग्रेट था, बॉस ऑफिस में आया लेट था

हमने फटाफट सारा काम निपटाया, मीटिंग में भी सबके सामने अपना परचम लहराया

आज हमारा मूड है बड़ा ही मस्तमोला, उस पर चार चाँद लगे अगर मिल जाये भटूरा और छोला



अपना दुखड़ा सुनकर मैंने आज बहाना बनाया

छोले घर में है नहीं, मैंने आज दाल और चावल ही बनाया

ये सुनकर पतिदेव ने भी छोटा सा मुँह बनाया



घर में झगडा, ऑफिस में झगडा, मुझे इतना मत सताओ

ओह मेरी निर्मला बाई कल से काम पे आ जाओ



तुम्हे याद करके दिल मन ही मन रोता है

सच है एक औरत की सफलता के पीछे एक बाई का हाथ होता है.





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